महंगाई कम है, लेकिन लोग फिर भी बचत नहीं कर पा रहे? इसका रहस्य है "लाइफस्टाइल इन्फ्लेशन"—जब आपकी आमदनी बढ़े तो आपका खर्च भी उसी अनुपात में बढ़ जाए, बचत घट जाए। यह भारत में मिडल क्लास के लिए एक खतरनाक लेकिन छुपा हुआ जोखिम बन गया है।
1. Lifestyle Inflation क्या है?
जब आपकी सैलरी बढ़ती है, और कोई पॉइंट बर्थडे सेलिब्रेशन, बेहतर कार, या महंगे रेस्तरां खर्च को आपका सामान्य मान लेता है—यही है लाइफस्टाइल इन्फ्लेशन।
यह आदत बचत को धीरे-धीरे गायब कर देती है।
2. इसका क्यों होता है असर?
- बचत घटती है: जितना आप कमा रहे हैं, उतना बचत कर पाने में मुश्किल होती है।
- लंबी अवधि के गोल बिगड़ते हैं: घर, शिक्षा या रिटायरमेंट जैसी योजनाएं प्रभावित होती हैं।
- तनाव बढ़ता है: खर्च बढ़ने पर पैसों का प्रबंधन मुश्किल हो जाता है।
3. इसके संकेत (Red Flags)
- बार-बार महंगी चीजें खरीदना जैसे latest phone, branded खर्च।
- "सैलरी बढ़ी है, अब और खर्च करना संभव है" जैसे गलत सोच।
- बजट ना बनाना और हर खर्च को "उचित" ठहराना।
4. रोकथाम करने के आसान उपाय
- बजट सेट करें और उसमें रहें।
- आय बढ़ें पर बचत प्रतिशत तय रखें।
- लक्ष्य बनाएं: रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई, घर आदि।
- रिव्यू करें बार-बार: हर महीने खर्चों का रिव्यू जरूरी है।
- Small luxuries, big sacrifices नहीं। — समय-समय पर जरूर करें, लेकिन लिमिट के साथ।
निष्कर्ष
लाइफस्टाइल इन्फ्लेशन आपके वित्तीय फ़्रीडम का दुश्मन हो सकता है। लेकिन बजटिंग और समझदारी से खर्च करने पर यह आसानी से काबू में लाया जा सकता है। बचत को प्राथमिकता दें और समझदारी से जीवन जीएं।