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बजट बनाते समय मध्यमवर्गीय परिवारों द्वारा की जाने वाली 7 आम गलतियाँ

 


 भारत में अधिकतर मध्यमवर्गीय परिवार हर महीने बजट बनाने की कोशिश तो करते हैं, लेकिन फिर भी पैसे की तंगी झेलते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बजट बनाना एक कला है — और उसमें कई छोटी-बड़ी गलतियाँ अनजाने में हो जाती हैं।

अगर आप जानना चाहते हैं कि क्यों आपका बजट काम नहीं करता, तो आइए जानें 7 सबसे आम गलतियाँ और उन्हें कैसे सुधारें।


1. सिर्फ दिमाग में बजट बनाना, लिखित में नहीं

कई लोग सिर्फ सोचते हैं कि इस बार इतना खर्च करूंगा, इतना बचाऊंगा — लेकिन उसे कहीं नोट नहीं करते।
👉 समाधान:
हमेशा एक डायरी, एक्सेल शीट या बजटिंग ऐप में पूरा प्लान लिखें।
लिखित बजट से आपको स्पष्टता और अनुशासन दोनों मिलते हैं।


2. सेविंग्स को बजट का आखिरी हिस्सा बनाना

बहुत से लोग पहले खर्च करते हैं और जो बच जाए, वो सेविंग करते हैं।
यह तरीका काम नहीं करता।

👉 समाधान:
सेविंग्स को बजट का पहला हिस्सा बनाएं — पहले सेव करें, बाद में खर्च करें
SIP, RD जैसी योजनाएं इसमें मददगार होंगी।


3. इमरजेंसी फंड को नजरअंदाज करना

जब अचानक कोई मेडिकल इमरजेंसी, नौकरी छूटना या अन्य खर्च आ जाए, तो बजट पूरी तरह बिगड़ जाता है।

👉 समाधान:
हर महीने थोड़ा-थोड़ा कर के कम से कम 3–6 महीने का खर्च इमरजेंसी फंड में जमा करें।


4. हर खर्च को ट्रैक न करना

₹50 का समोसा हो या ₹5000 की EMI — हर खर्च को ट्रैक करना ज़रूरी है।
छोटे-छोटे खर्च मिलकर बड़ा नुकसान कर सकते हैं।

👉 समाधान:
हर रोज़ खर्च को एक ऐप या डायरी में नोट करें। हफ्ते के अंत में उसका विश्लेषण करें।


5. केवल जरूरी खर्चों पर ध्यान देना, इच्छाओं को भूल जाना

आपका बच्चा घूमना चाहता है, पत्नी कुछ शॉपिंग करना चाहती हैं — लेकिन आप बजट में सिर्फ राशन और किराया जोड़ते हैं।
फिर ये इच्छाएं अचानक खर्च बनकर बजट बिगाड़ देती हैं।

👉 समाधान:
बजट में “मनोरंजन” और “इच्छाओं” का भी एक छोटा हिस्सा रखें, ताकि बैलेंस बना रहे।


6. पूरे परिवार को शामिल न करना

जब सिर्फ पति या पत्नी बजट बनाते हैं और बाकी सदस्य अनजान रहते हैं, तो खर्च कंट्रोल में नहीं आता।

👉 समाधान:
बजट प्लानिंग में परिवार के हर सदस्य को शामिल करें।
बच्चों को भी समझाएं कि पैसा कैसे खर्च होता है।


7. फिक्स्ड बजट बनाकर उसमें बदलाव न करना

हर महीने परिस्थितियाँ बदलती हैं।
कोई महीना त्योहारों का होता है, कोई मेडिकल खर्च का।

👉 समाधान:
हर महीने के शुरुआत में पिछले महीने का रिव्यू करें और बजट को परिस्थिति के अनुसार एडजस्ट करें


🔚 निष्कर्ष:

बजट बनाना आसान है, लेकिन स्मार्ट बजट बनाना एक स्किल है।
अगर आप ऊपर बताई गई गलतियों को सुधार लें — तो आप धीरे-धीरे न सिर्फ पैसे बचाएंगे, बल्कि आर्थिक आत्मनिर्भरता भी पाएंगे।

याद रखें:

"बजट आपके पैसे को दिशा देता है — बिना दिशा के पैसा सिर्फ बहता है।"

 

👇 नीचे कमेंट करके बताइए कि आपने इनमें से कौन सी गलती की है और अब आप क्या सुधार करने वाले हैं? 

 

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